महाराष्ट्र में 15 दिन में बना विशेष अस्पताल, नगालैंड में पीएमओ के दखल के 5 घंटे बाद टेस्टिंग सेंटर का काम शुरू

पुणे 


महाराष्ट्र का पहला कोरोना स्पेशल अस्पताल पुणे में तैयार हो गया है। ससून हॉस्पिटल परिसर में मौजूद इस 11 मंजिला इस इमारत का निर्माण कार्य 2008 से काम चल रहा था। इस साल मार्च तक 75 प्रतिशत काम पूरा हो गया था। बाकी बचा काम एक साल में होना था। लेकिन कोरोना के तहत इमरजेंसी को देखते हुए महज 15 दिन में ही बाकी काम पूरा कर लिया गया। अस्पताल में 700 बिस्तरों की व्यवस्था है। सोमवार को इसमें 70 से ज्यादा कोरोना मरीजों को शिफ्ट भी कर दिया गया। 


पीडब्ल्यूडी के अधीक्षक राजेंद्र रहाणे ने बताया कि मार्च में जब हमने इस इमारत के निर्माण कार्य को तेज करने का फैसला किया, तब प्लास्टर, पेंटिंग, प्लम्बर, लिफ्ट का काम बचा था। साफ-सफाई, अग्निशामक व्यवस्थाएं, अंडरग्राउंड पाइपलाइन, पानी की पाइपलाइन, मेडिकल गैस की पाइपलाइन और इसी तरह की अन्य व्यवस्थाओं को युद्ध स्तर पर जुटाया गया। लॉकडाउन की वजह से काम में अड़चन आ रही थी तो घर-घर जाकर लोगों को लाए और 15 दिन के भीतर पेंटिंग के साथ ही लिफ्ट लगाने का काम पूरा किया।


15 दिन में कैसे पूरा किया काम



  • 9 दिन में ऑक्सीजन सप्लाई सिस्टम सेट किया।

  • पूरी इमारत को एयरकंडीशन करने के लिए नया ट्रांसफार्मर लगाया गया।  

  • 11 मंजिला इमारत के लिए 36 घंटों में हाई-टेंशन बिजली कनेक्शन दिया गया। यह भी एक रिकॉर्ड है। 


अस्पताल में 40 वेंटिलेटर लगाए गए


कोरोना के गंभीर मरीजों को सांस लेने के लिए वेंटिलेटर सपोर्ट देना पड़ता है। देश के सामान्य से लेकर बड़े अस्पतालों तक में वेंटिलेटर की कमी है। लेकिन ससून अस्पताल में कोरोना को देखते हुए इनकी पर्याप्त व्यवस्था की गई है। अस्पताल के डीन डॉ. अजय चंदनवाले ने बताया कि यहां 40 वेंटिलेटर उपलब्ध कराए गए हैं।


पीएमओ से फोन आया, 5 घंटे में टेस्टिंग सेंटर का काम शुरू


नागालैंड में दो दिन पहले ही कोरोना का पहला केस आया है। इसके बाद वहां के डॉक्टर पंकज गुप्ता ने मरीज की कहानी का वीडियो ट्विटर पर पोस्ट किया। उन्होंने पीएमओ को भी टैग किया। दो घंटे में ही उनके पास फोन आया। पांच घंटे बाद ही दीमापुर और कोहिमा में सेंटर बनाने की कवायद शुरू हो गई। नागालैंड के स्वास्थ्य मंत्री एसपी फाेम ने बताया कि दो सेंटर बनाए जा रहे हैं।